पुरुषोत्तम उपाध्याय दाहाल
साहित्यपाटी
आमाको बजारे लुर्कना!
पुरुषोत्तम उपाध्याय दाहालआइतबार, वैशाख १०, २०८०
साहित्यपाटी
किन न आकि?
पुरुषोत्तम उपाध्याय दाहालसोमबार, असार २१, २०७८
साहित्यपाटी
धुरुधुरु रुन्छ मेरो कविता 
पुरुषोत्तम उपाध्याय दाहालमंगलबार, असार १५, २०७८